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दलित युवकों की पिटाई और बाल-भौं काटने के दोषी वाईएसआर कांग्रेस विधायक को 27 साल बाद 18 महीने की सजा

 17 Apr 2024

विशाखापत्तनम की एक विशेष अदालत ने 5 दलितों के उत्पीड़न को लेकर थोटा त्रिमुरथुलु को 18 महीनें की सजा सुनाई है।अदालत ने यह फ़ैसला 27 साल के बाद सुनाया है। थोटा त्रिमुरथुलु, जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता और विधान परिषद के सदस्य भी हैं।त्रिमुरथुलु आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मंडपेटा सीट से उम्मीदवार भी हैं।


थोटा त्रिमुरथुलु ने किया था दलितों का उत्पीड़न

मामला 1996 का है जिसमें थोटा त्रिमुरथुलु समेत आठ लोगों ने 5 दलित युवकों का अपमान कर उनका उत्पीड़न किया था। इन पाँच दलित युवकों को जबरन उनके गाँव से उठाकर त्रिमुरथुलु के आवास पर लाया गया, जिसके बाद तीन दलित युवकों की पिटाई और दो दलित युवकों के बाल और भौहें काट दी गयी थी। कोर्ट ने त्रिमुरथुलु समेत सभी आरोपियों पर एससी/एसटी कार्रवाई में देरी के लिए 1.5 लाख रूपये का ज़ुर्माना भी लगाया है।

दरअसल, इन पांचों युवकों ने 1994 के विधानसभा चुनावों में  त्रिमुरथुलु के ख़िलाफ चुनावी अभियान में हिस्सा लिया था, और बहुजन समाजवादी पार्टी के समर्थन में प्रचार किया था। जिसके बाद त्रिमुरथुलु ने बदले की भावना के चलते इनको प्रताड़ित किया था।

4 जनवरी 1997 को स्थानीय पुलिस द्वारा त्रिमुरथुलु के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज़ की गयी, जिसमें पुलिस ने एससी/एसटी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज़ किया था। जिसके बाद त्रिमुरथुलु को उसी साल 7 जनवरी  को गिरफ़्तार कर लिया गया, मगर बाद में ज़मानत पर छोड़ दिया गया था। सुनवाई के दौरान पाँच में से दो युवकों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक मुख्य गवाह भी था।

आख़िरकार न्याय मिल ही गया

मंगलवार को फ़ैसले के बाद चिन्ना राजू के एक रिश्तेदार ने न्याय मिलने पर अपनी सांत्वना जतायी हैं।यातना का शिकार रहे गणपति के रिश्तेदार ने कहा कि न्याय मिलने में देरी हुई है, लेकिन न्याय मिल ही गया है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि त्रिमुरथुलु को और भी ज़्यादा सख़्त सजा मिलेगी।

त्रिमुरथुलु फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं, उन्होंने कहा कि वह फ़ैसले के ख़िलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। वे पूरी तरह से निर्दोष हैं, और परिस्थितियों का शिकार हुए हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे घबराये नहीं और चुनावों में उनका प्रचार करते रहें।